अपडेटेड 28 September 2024 at 16:01 IST

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल को निर्यात शुल्क से दी छूट, उसना चावल पर घटाया

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर सीमा शुल्क को समाप्त कर दिया है। भूरा चावल और धान पर भी निर्यात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।

Export duty on parboiled rice | Image: Amazon.in

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर सीमा शुल्क को समाप्त कर दिया है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राजस्व विभाग ने शुक्रवार देर रात जारी अधिसूचना में कहा कि उसना चावल, भूरा चावल (ब्राउन राइस) और धान पर भी निर्यात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।

चावल की इन किस्मों के साथ-साथ गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात शुल्क अब तक 20 प्रतिशत था। अधिसूचना में कहा गया है कि नई दरें 27 सितंबर, 2024 से प्रभावी हो गई हैं। इसी महीने सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म कर दिया था।

सरकार ने जुलाई 2023 में चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया था। निर्यातकों ने पाबंदी हटाने के फैसले की सराहना की और इसे क्षेत्र के लिए अहम करार दिया।

‘राइस विला’ के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा, ‘‘गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का भारत का साहसिक फैसला कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी है।’’ अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार ने ‘पारब्वॉइल्ड’ चावल पर निर्यात शुल्क भी 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 28 September 2024 at 16:01 IST