अपडेटेड 1 February 2025 at 19:32 IST
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निजी कंपनियों को अनुमति देने के कदम का कांग्रेस करेगी विरोध: चव्हाण
चव्हाण ने कहा कि यह क्षेत्र केवल बिजली उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके सामरिक आयाम भी हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार के 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा क्षमता विकसित करने के लक्ष्य के लिए निजी विदेशी कंपनियों के प्रवेश की आवश्यकता होगी और उनकी पार्टी ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी।
चव्हाण ने कहा कि यह क्षेत्र केवल बिजली उत्पादन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके सामरिक आयाम भी हैं। जब भारत अमेरिका परमाणु करार पर हस्ताक्षर किये गये थे तब चव्हाण प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री थे। परमाणु ऊर्जा विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय के अंतर्गत आता है।
शनिवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2047 तक विकसित भारत बनने के सिलसिले में कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा के विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की है। चव्हाण ने कहा कि वर्तमान में भारत परमाणु स्रोतों के माध्यम से आठ गीगावाट बिजली का उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि जब तक निजी और विदेशी कंपनियों को इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं दिया जाता है, तब तक क्षमता में वृद्धि नहीं हो सकती।
चव्हाण ने कहा कि सीतारमण के बजट भाषण में कहा गया है कि परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु ऊर्जा सिर्फ बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामरिक महत्व भी है। हम सभी परमाणु ऊर्जा के सैन्य महत्व को जानते हैं। यह तापविद्युत संयंत्र लगाने या सड़क का निजीकरण करने जितना आसान काम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निजी कंपनियों को प्रवेश देने में बेहद सतर्क रहना होगा। हम इसका विरोध करेंगे। सामरिक आयामों के कारण इसे सार्वजनिक क्षेत्र होना चाहिए।’’
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 1 February 2025 at 19:32 IST